जयपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों तथा पुलिस महानिरीक्षकों के 58वें सम्मेलन का उद्घाटन किया।
तीन दिन का यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं और देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक वितरित किए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों के लिए ट्रॉफी प्रदान की।
शाह ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति और आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत बनाए गए तीन नए कानूनों को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
उन्होंने कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों के कार्यान्वयन से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी। गृह मंत्री ने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए थाना प्रभारी से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से मुख्यालय स्तर तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमता संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया और कहा कि इस दौरान जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में शांति के साथ साथ वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर जोर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा, साइबर खतरे, कट्टरपंथ, पहचान दस्तावेजों को धोखाधड़ी से जारी करना और एआई से उभरने वाले खतरों सहित महत्वपूर्ण महत्व के सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।