भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय में रक्त चढ़ाने के बाद एक महिला की मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि गंगापुर निवासी पुष्प लता (35) पत्नी मुकेश वैष्णव को तीन दिन पहले रक्त की कमी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां दो यूनिट खून चढ़ाने के बाद पुष्पलता ठीक थी। इसके बाद तीसरी यूनिट लगाने के बाद पुष्पलता की हालत बिगड़ गई।
अगले दिन पुष्पलता को फिर रक्त चढ़ाया गया। इसके बाद पुष्पलता की हालत ज्यादा बिगड़ गई। उसे गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर लिया गया। उसी दौरान पुष्पलता की इलाज के दौरान मौत हो गई।
परिजनों ने चिकित्सकों की लापरवाही से पुष्पलता की मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। अस्पताल के बाहर टायर जलाए गए। मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया गया। परिजन अस्पताल के द्वार पर बैठ गए।
उधर, हंगामे की सूचना पर भीमगंज थाना प्रभारी दिनेश जीवनानी पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस लाइन और सुभाषनगर थाने से भी पुलिस बुलाई गई। पुलिस ने समझाने के बाद प्रबंधन और परिजनों के बीच बातचीत हुई। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि खून संक्रमित नहीं था, अन्य वजहों से पुष्पलता की मौत हुई है।
प्रशासन, पुलिस दल ने अचानक जिला कारागृह तलाशी ली
भीलवाड़ा के जिला कारागृह में शनिवार को उपखंड अधिकारी सोमनाथ आव्हाद के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ अचानक जिला कारागृह पहुंचे और वहां पूरे परिसर सहित सभी बैरकों की तलाशी ली।
कारागृह एवं पुलिस सूत्रों के अनुसार शनिवार शाम चार बजे दल ने कारागृह के सभी आठ बैरकों के साथ ही पूरे परिसर का चप्पा-चप्पा छान मारा। सभी 367 बंदियों की सघन तलाशी ली। एक घंटे चली इस कार्रवाई के दौरान कोई संदिग्ध सामग्री और वस्तु नहीं मिली। इसके चलते कारागृह प्रशासन ने राहत की सांस ली।
इस कार्रवाई में उपखंड मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस उपाधीक्ष सिटी अशोक जोशी महिला थाना प्रभारी विद्या मीणा, कोतवाली थाने के उप निरीक्षक भंवरलाल, प्रताप नगर थाने के उप निरीक्षक जसवंत देव, कारागृह अधीक्षक भैंरूसिंह राठौड़, उप कारापाल स्वीटी स्टेला, हीरालाल गुर्जर राजस्थान सशस्त्र बल (आरएसी) के जवान शामिल थे।