नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को मतदान के लिए दी जाने वाली 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग को रद्द करने का फैसला किया है।
ट्रंप ने इस फंडिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत एक समृद्ध देश है और इसे इस तरह की सहायता की आवश्यकता नहीं है। हम भारत को 2.1 करोड़ डॉलर क्यों दे रहे हैं। उनके पास पहले से ही बहुत पैसा है। वे व्यापार में दुनिया के सबसे ज्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं और हमें वहां व्यापार करने में मुश्किल होती है क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं। मैं भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत सम्मान करता हूं लेकिन मतदान के लिए इतनी बड़ी राशि देना उचित नहीं।
यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा स्थापित सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के हालिया फैसलों में से एक है, जिसने अपने बजट पुनर्गठन के तहत विदेशी सहायता में 72.3 करोड़ डॉलर की कटौती की घोषणा की है। अमरीका ने भारत के अलावा बंग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के लिए 2.9 करोड़ डॉलर का अनुदान और नेपाल में राजकोषीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण के लिए 3.9 करोड़ डॉलर के अनुदान को भी रद्द कर दिया है।
एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई ने स्पष्ट किया कि इन सभी कटौतियों का उद्देश्य गैर-जरूरी खर्चों को कम करना और सरकारी बजट को अधिक कुशल बनाना है।