बद्रीनाथ। बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने रविवार को में बैकुंठ माने जाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ पहुंच कर भगवान बदरी विशाल के विशाल के दर्शन किए। भगवान नारायण के दर्शन के साथ साथ पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बद्रीनाथ में आयोजित हो रही श्रीमदभागवत के श्रवण के लिए भी पहुंचे हैं।
रविवार को पंडित धीरेन्द्र शास्त्री हेलीकॉप्टर से बद्रीनाथ हेलीपैड पर पहुंचे। यहां पर उनका स्वागत बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बद्रीनाथ की पवित्र तुलसी माला से किया। बद्रीनाथ पहुंचने के बाद पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अपराह्न 3 बजकर 45 मिनट पर बद्रीनाथ मंदिर में पहुंचे।
मंदिर परिसर के सिंहद्वार पर बागेश्वर धाम (श्री हनुमान मंदिर धाम) के बाबा पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का वेद मंत्रों और स्वति पाठ से पंडितों, वेद पाठियों ने भब्य और सनातन धर्म की मान्यताओं के साथ स्वागत किया। उन्हें बदरी की पवित्र तुलसी और हिमालय के फूलों की मालाएं पहनाई गई।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने बद्रीनाथ मंदिर में पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर पूजा अर्चना की। भगवान भक्ति और भाव से भाव विभोर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने भगवान बदरी विशाल के महात्म्य के बारे में सभी विद्धत जनों से विनम्र भाव से जानकारी प्राप्त की । मंदिर के सभा मंडप में बैठकर ध्यानावस्था में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने भगवान के श्री विग्रह का दर्शन कर पूजा अर्चना की।
बद्रीनाथ पहुंचे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा बद्रीनाथ में साक्षात प्रभू विराजमान हैं उन्होंने कहा बद्रीनाथ देवताओं और संतों की भूमि है। बद्रीनाथ में साधना रत खाक चौक वाले महाराज और बद्रीनाथ में भागवत कथा कर रहे पंडित त्रिपाठी की भगवान सेवा चरणानुराग का जिक्र करते हुये पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा इस तप और देवता की प्रिय भूमि के संतों को मैं प्रणाम करता हूं ।
बद्रीनाथ धाम की पवित्रता के सम्मान के साथ साथ पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने बद्रीनाथ के नैसर्गिक सौंदर्य की भी सराहना की। नर नारायण पर्वत, पवित्र अलकनंदा नदी को भी प्रणाम किया।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने मंदिर नियमों का पूरी तरह पालन किया। जब वह बद्रीनाथ पहुंचे। उस समय नियमानुसार मंदिर बंद था। जब निश्चित समय पर मंदिर फिर खुला। उसी के बाद उन्होंने मंदिर में पहुंच कर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए।