जयपुर/नैनीताल/देहरादून। उत्तराखंड पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने साइबर धोखाधड़ी करने वाले दो शातिर अपराधियों को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी आनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह गुरुवार को इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि पिछले माह नैनीताल में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया था। पीड़ित ने रुद्रपुर साइबर थाना में एक तहरीर देकर 90 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एसटीएफ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
उन्होंने बताया कि साइबर धोखेबाजों ने आनलाइन ट्रेंडिंग के नाम पर मुनाफा कमाने के लिए सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन जारी किया। विज्ञापन में विदेशी कंपनी का हवाला देते हुए आईपीओ में निवेश करने का प्रलोभन दिया गया। आरोपियों ने अलग अलग खातों में पैसा जमा करवाया।
आरोपी लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए फर्जी एप में लाखों का मुनाफा भी दिखाते थे। विश्वास में लेने के बाद साइबर अपराधी अलग-अलग खातों में पैसा जमा करवाते थे। कुमाऊं साइबर पुलिस के निरीक्षक शरद चौधरी ने अपनी टीम के साथ बैंक खातों और मोबाइल नंबर की जानकारी लेकर गहराई से जांच शुरू की।
आखिरकार एसटीएफ टीम ने दो शातिर अपराधियों संतोष कुमार मीणा, निवासी ग्राम कटकड खेडा, थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान हाल निवासी- म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान और नीरज कुमार मीणा, निवासी ग्राम घाटियां का पुरा, कटकड़ थाना सदर, हिंडोन सिटी, जिला करौली, राजस्थान हाल निवासी म0नं0 172/133 सैक्टर 17, निकट रावत पब्लिक स्कूल प्रतापनगर थाना प्रतापनगर जयपुर, राजस्थान को चिन्हित किया।
एसटीएफ टीम ने दोनों अपराधियों को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश दी और आखिरकार दोनों को बुधवार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बैंक खातों में 05 महीने में ही 75 लाख रूपये का लेन-देन किया गया है। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों के बैंक खातों के विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों में साईबर मामले में 6 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
जांच टीम को आरोपियों से धोखाधड़ी में प्रयुक्त होने वाले कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चैक बुक एवं डेबिट कार्ड के साथ ही अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। एसटीएफ विस्तृत जांच में जुट गई है।