भरतपुर। वाल्मीकि समाज ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति के (एससी-एसटी) आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने और वर्गीकरण करने के आदेश के समर्थन में शुक्रवार को राजस्थान में करौली में रैली निकालकर प्रदर्शन किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त मजिस्ट्रेट (एडीएम) को सौंपे ज्ञापन में एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमी लेयर को लागू करने की मांग की और कहा कि सरकार को भारत बन्द के दबाव में नहीं आना चाहिए और उच्चतम न्यालय के आदेश को लागू करना चाहिए।
रैली में वाल्मीकि समाज के युवा-बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हाथों में तिरंगा थामे उच्चतम न्यायालय जिंदाबाद के नारे लगाते चल रहे थे। रैली को वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष ग्यारसा राम, मनोज, सूरज आदि ने सम्बोधित करते कहा कि पिछले 78 सालों में एससी-एसटी आरक्षण का लाभ कुछ लोग ही उठा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले 78 साल में बाल्मीकि समाज के बहुत कम लोग ही उच्च पदों तक पहुंच पाए हैं। कुछ परिवार और वर्ग विशेष आरक्षण का पूरा लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने 21 अगस्त को भारत बंद के आह्वान को भी राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से लाभ उठा रहे लोगों द्वारा प्रायोजित बताते हुए कहा कि पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियां आरक्षण के लाभ से अब भी वंचित हैं। पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को लाभ दिलाने के लिए वर्गीकरण और क्रीमी लेयर लागू करना आवश्यक है।