महाकुंभनगर। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने कहा कि गुलामी के कालखंड में हिंदू समाज को बांटने की जो साजिश ना हो पाई वह आज दिख रही है।
महाकुंभ के विहिप शिविर में शनिवार को दो दिवसीय अखिल भारतीय सामाजिक समरसता बैठक के प्रथम सत्र में बोलते हुए बागड़ा ने कहा की गुलामी के कालखंड में हिंदू समाज को बांटने की जो साजिश ना हो पाई वह आज दिख रही है।
पंजाब में हिंदुओं में धर्मांतरण से भय है। बच्चों को धर्मांतरित होने से बचाने का संकट दिख रहा है। हमारी एकता को तोड़ने के लिए विदेशी, देश के शत्रु, हिंदू विरोधी लगातार प्रयास कर रहे हैं जबकि हमारे राष्ट्र की यह परंपरा रही है, हमने जोड़ने का कार्य किया है तोड़ने का नहीं।
उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र में समरसता के अनेकों उदाहरण है जिसमें संत मीराबाई, संत रविदास, संत कबीर, गुरु नानक जैसे पूज्य संतों ने समाज का प्रबोधन सामाजिक समरसता की दिशा में किया है। आज भी समाज में भेदभाव कहीं ना कहीं कांटे की तरह चुभता है।
स्वामी दयानंद का भी प्रयास अतुलनीय रहा है। आर्य समाज के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक समरसता को अपने कार्य का आधार बनाया जिसकी प्रशंसा पूज्य बाबा साहब और गांधी जी ने भी किया था।
बागड़ा ने कहा कि आज भी विधर्मी समाज को तोड़ने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमें सामाजिक समरसता के अभियानों को धार देना है, अपने प्रयासों में गति लानी चाहिए नकारात्मक विचार समाज से समाप्त हो, अच्छे विचार समाज में पहुंचे इसका प्रसार हो इसके लिए हमको अपनी निजी जीवन में व्यवहार से प्रारंभ करना चाहिए।
अपने जीवन, परिवार और समाज में इस भाव को पहुंचना चाहिए कि हमें समाज को जोड़ने का प्रयास करना है, आज हम जिस स्थान पर एकत्रित हैं वह स्थान भी ऐसे पर्व महाकुंभ के लिए जाना जाता है जो सामाजिक समरसता का दुनिया का सबसे बड़ा उदाहरण है।
विहिप के केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सभी पूर्व में एक थे, आज भी एक हैं, आगे भी एक रहेंगे। जातियों में बांटने वाले, समाज में अस्पृश्यता फैलाने का प्रयास करने वाले कभी सफल नहीं होंगे। हमें इससे विचलित नहीं होना है। समस्याएं आती हैं तो उसका समाधान करना है। आज समाज में समरसता का भाव पहले से ज्यादा दिख रहा है, इसका उदाहरण अनेक स्थानों पर देखे जा सकते हैं।
मंच पर प्रमुख रूप से विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह महामंत्री संगठन विनायक राव देशपांडे, अखिल भारतीय सामाजिक समरसता प्रमुख देव जी भाई रावत केंद्रीय संयुक्त महामंत्री स्थानुमलन जी संत श्रीश्री शंकर, तंदूर तेलंगाना उपस्थित रहे। गुजरात क्षेत्र के सामाजिक समरसता प्रमुख रमेश भाई रावल, दिल्ली से क्षेत्र प्रमुख ईश्वर, बंगाल क्षेत्र से गौतम उपस्थित रहे।