कटक। उड़ीसा उच्च न्यायालय ने प्रमुख विश्व हिंदू परिषद नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पेश याचिका पर ओडिशा सरकार को नोटिस जारी किया है।
अधिवक्ता देबाशीष होता ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि अदालत सीबीआई को निर्धारित समय में जांच करे और स्वामी सरस्वती की नृशंस हत्या के पीछे के असली दोषियों का पता लगाने का निर्देश दे।
याचिकाकर्ता ने कहा कि न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए ओडिशा सरकार को 5 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है कि इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाए।
अधिवक्ता ने कहा कि न्याय, समानता और निष्पक्षता के हित में इस गंभीर मामले को सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाना चाहिए जिससे स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की पूर्व नियोजित हत्या की जांच की जा सके।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि स्वामी सरस्वती की हत्या पिछले 15 वर्षों से अनसुलझी है और आरोप लगाया कि हत्या की जांच करने वाली ओडिशा अपराध शाखा की जांच एजेंसी असली दोषियों का पता लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि हत्या के दिन, ओडिशा पुलिस द्वारा स्वामी सरस्वती को प्रदान की गई निजी सुरक्षा बिना किसी विकल्प के छुट्टी पर चली गयी थी। इससे पहले स्वामीजी के आश्रम में तैनात सशस्त्र सीआरपीएफ सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने घटना की अपराध शाखा से जांच कराने का आदेश दिया था लेकिन वह हत्या के पीछे के रहस्य से पर्दा उठाने में नाकाम रही।
गौरतलब है कि 23 अगस्त, 2008 की रात एके-47 राइफलों और अन्य हथियारों से लैस लगभग 15 नकाबपोश लोग आश्रम में घुसे और स्वामीजी और उनके चार शिष्यों की हत्या कर दी।