नैनीताल। उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को दो टूक कहा कि उत्तराखंड जयपुर में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की सीनियर वालीबाल (महिला-पुरूष) प्रतियोगिता में भाग नहीं लेगा। सरकार और कोर्ट के रुख़ को देखते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका को वापस ले लिया।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ में आज वालीबाल खिलाड़ी प्रशांत सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। खेल सचिव अमित सिन्हा और अतिरिक्त निदेशक अजय अग्रवाल कोर्ट में वर्चुअल पेश हुए।
उन्होंने अदालत को साफ साफ बताया कि उत्तराखंड में अगले महीने नेशनल गेम्स होने प्रस्तावित हैं। इसलिए उत्तराखंड की टीम जयपुर में सात जनवरी से 13 जनवरी 2025 के मध्य होने वाली राष्ट्रीय सीनियर वालीबाल चैम्पियनशिप में भाग नहीं लेगी। इसलिए देहरादून में 16 दिसंबर से होने वाले ट्रायल पर रोक लगा दी गई है।
इसके बाद अदालत ने सरकार की बात से सहमत होते हुए याचिकाकर्ता के तर्कों को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने मौका भांपते हुए याचिका को वापस लेने की गुहार लगाई। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
दायर याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि वालीबाल फेडरेशन आफ इंडिया (वीएफआई) की तदर्थ कमेटी की ओर से जयपुर में सात जनवरी से राष्ट्रीय स्तर की सीनियर वालीबाल (महिला-पुरूष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें अधिकांश राज्यों की टीमों को प्रतिभाग कर रही हैं। उत्तराखंड की टीम को भी इसमें आमंत्रण भेजा गया है। खेल महकमे की ओर से 11 दिसंबर, 2024 को तीन सदस्यीय कमेटी के गठन के साथ ही 16 दिसंबर से देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में ट्रायल किये जाने का निर्णय लिया गया।
पर 12 दिसंबर को अतिरिक्त निदेशक ने ट्रायल पर रोक लगा दी। यह। खिलाड़ियों के साथ अन्याय है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से जयपुर में होने वाली प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति देने की मांग की गई थी।