स्वयंसेवी संस्थाएं भारतीयता के लिए कार्य करें : मनोज कुमार
उदयपुर। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किसी जरूरतमंद को उसके अधिकार दिलाना या शासकीय योजना जरूरतमंद तक पहुंचाना भी मानवता का कार्य है साथ ही भारत प्रथम का विचार कार्यशैली में सदैव बना रहे।
यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने विश्व मानवाधिकार दिवस पर आयोजित स्वयंसेवी संस्थाओं की एक दिवसीय बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन करते हुए व्यक्त किए।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर में स्वयंसेवी संस्थाओं की कार्यशाला में राजस्थान के 25 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुखों ने सहभागिता की। इस अवसर पर निम्बाराम ने कहा कि किसी भी संस्था का आधार व्यक्ति नहीं होकर टोली होनी चाहिए, तभी कार्य सही दिशा और लम्बी अवधि तक चलकर लक्ष्य तक पहुंचेगा।
कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए मनोज कुमार ने कहा कि भारत प्रथम उद्देश्य को सामने रख भारत केन्द्रित रहकर काम करना चाहिए तभी समाज में जागृति आएगी और अंतिम व्यक्ति को शासकीय योजना का लाभ मिलेगा।
कार्यशाला में वक्ता दीनदयाल शोध संस्थान की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मीना कुमारी ने कहा कि आज सरकार की योजना को धरातल तक पहुंचाने में एनजीओ की बहुत बड़ी भूमिका है। इन्टनेट के माध्यम से हमारे कार्य समाज तक पहुंचे। कार्यशाला में एनजीओ एक क्षेत्र विशेष में नियमित गतिविधि करें। सम्बन्धित विभाग को प्रप्रोजल देकर, विभिन्न शोध संस्थाओं के साथ कार्य करने के बारे में जानकारी दी गई। एनजीओ के सही तरह से क्रियान्वयन के लिए एक ऑफिस, ऑडिट, कंटेंट बनाने के लिए स्टाफ, इंटर्न आदि पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से निश्चित ही एनजीओ के कार्य करने की कुशलता में वृद्धि आती है और कार्य करने की दिशा, दृष्टिकोण मिलता है। इसके लिए शोध का महत्व बताते हुए उन्होंने मानवाधिकार दिवस वह दिन है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाया था।
मोती फाउंडेशन के विकास छाजेड़ ने एक केस स्टडी बताई, जिसमें एक रिसर्च और रिपोर्ट को साझा करते हुए बताया कि किस तरह कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं समाज तोड़ने का, समाज में वैमनस्यता फ़ैलाने का कार्य करती है, और कैसे इको सिस्टम बनाकर झूठ प्रसारित करती है।
कार्यक्रम का सारांश रखते हुए मनोज कुमार ने कहा कि हम मासिक गतिविधि करने के दौरान डोक्यूमेन्टेशन व समन्वय पर अधिक ध्यान दें। कार्यक्रम का संचालन अजमेर से आए उदभवति फाउंडेशन के विकास टांक ने किया। कार्यक्रम में कांतिलाल पाटीदार डुंगरपुर, भागीरथ चौधरी बाड़मेर, हरदयाल जयपुर, पारुल त्यागी आदि ने भी विचार साझा किए।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कार्यरत भारत प्रथम उद्देश्य को सामने रख अधिकार केन्द्रित जागृति अभियान चलाने वाले एवं अभावग्रस्त लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने वाले एनजीओ की यह द्वितीय एक दिवसीय वार्षिक बैठक थी। इसी तरह पहली बैठक 10 दिसम्बर 2023 को विश्व मानवाधिकार दिवस पर जयपुर में आयोजित हुई थी।