नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव में शुक्रवार को 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और इसके लिए चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों तक वोटिंग मशीनें पहुंचाने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था समेत सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सात चरणों में कराए जा रहे लोकसभा चुनावों की मतगणना चार जून को कराई जाएगी।
मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक कराया जाएगा। इसके लिए दूरदराज के मतदान केन्द्रों पर मतदान कराने वाले अधिकारियों की टीमें मतदान सामग्री के साथ पहले ही रवाना कर दी गई हैं। आयोग ने दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की सुविधा भी की है। तेज गर्मी को देखते हुए मतदान केन्द्रों पर पेयजल और छाया की व्यवस्था की जा रही है।
पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान 66 प्रतिशत से कुछ अधिक था, जो 2019 के औसत मतदान की तुलना में तीन प्रतिशत कम रहा। जिला निर्वाचन अधिकारी मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए फोन पर रिकार्ड की हुई अपील जारी करने के अलावा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मतदान के महत्व को रेखांकित कर रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर भी चुनाव होना था, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के निधन के कारण अब इस सीट पर चुनाव सात मई को तीसरे चरण में कराया जाएगा।
अट्ठासी सीटों पर कुल 1206 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। इस चरण में केरल की 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आठ-आठ, मध्य प्रदेश की छह, असम और बिहार की पांच-पांच, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन और जम्मू-कश्मीर, मणिपुर तथा त्रिपुरा की एक-एक सीट पर मतदान होगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार इस चरण के लिए 89 सामान्य पर्यवेक्षक, 53 पुलिस पर्यवेक्षक और 109 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की जीत की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए कई रैली और रोड शो किए।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी सक्रिय रूप से प्रचार किया। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने जमकर चुनाव प्रचार किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारामैया, उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी तथा पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया।
दूसरे चरण की हाई प्रोफाइल सीटों में जहां वायनाड से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अग्नि परीक्षा होगी, वहीं तीन केंद्रीय मंत्री और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। राजस्थान के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों के भाग्य का फैसला भी जनता 26 अप्रैल को ही तय करेगी।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टिकट दिया है। कर्नाटक की मान्ड्या लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की साख दांव पर है। कुमारस्वामी की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) का भाजपा के साथ गठबंधन हैं। केरल की तिरुअनंतपुरम सीट भी चर्चा में है, जहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से है।
राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा से तीसरी बार चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। मथुरा सीट से हेमा मालिनी और मेरठ सीट से धारावाहिक रामायण का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या की साख बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट पर दांव पर लगी है। तेजस्वी ने पिछला चुनाव इसी सीट से जीता था। कांग्रेस ने यहां सौम्या रेड्डी को टिकट दिया है। बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट शुरुआत से ही चर्चा में रही है। राष्ट्रीय जनता दल ने यहां बीमा भारती को उतारा है। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव इस सीट पर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन गठबंधन सहयोगी राजद ने कांग्रेस को यह सीट नहीं दी। अब पप्पू यादव इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।
गौरतलब है कि लोक सभा के पहले चरण के चुनाव में 16.63 करोड़ मतदाताओं ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल सहित कुल आठ केन्द्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व राज्यपाल सहित 1605 प्रत्याशियों के चुनावी भविष्य का फैसला तय किया था। पहले चरण में 102 सीटों पर औसतन 62 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था।
दूसरे चरण के लिए इन सीटों पर मतदान
असम की सिलचर, मंगलदोई, नवगोंग और कलियाबोर बिहार की किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका छत्तीसगढ़ की राजनंदगांव, महासमुंद और कांकेर जम्मू और कश्मीर की जम्मू और कर्नाटक की उडुपि, चिकमंगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मंड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलूरु ग्रामीण, बेंगलूरु उत्तर, बेंगलुरु सेंट्रल, बेंगलुरु दक्षिण, चिकबल्लापुर और कोलार केरल की कासरगोड, कन्नूर, वाटकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्नाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, मावेलिककारा अलाप्पुझा, पथानामथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुवनंतपुरम। मध्य प्रदेश की दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, बैतुल और होशंगाबाद। महाराष्ट्र की बुलढाना, अकोला, अमरावती वर्धा, यवतमाल-वाशिम, नांदेड़ परभनी और हिंगोली। मणिपुर की बाहरी मणिपुर और राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा चित्तौड़गढ़, कोटा झालावाड़-बारां, राजसमंद और भीलवाड़ा। त्रिपुरा की त्रिपुरा पूर्व और उत्तर प्रदेश की अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाज़ियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, ,?बुलन्दशहर। पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग, रायगंज और बेलूरघाट।