मुंबई। महाराष्ट्र की एक सत्र अदालत ने एक वृद्ध चौकीदार को महिला की हत्या करने के प्रयास को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई, जो न्यूनतम सजा है। चौकीदार ने अप्रैल 2017 में अपने साथ काम करने वाली एक महिला की हत्या का प्रयास किया था, क्योंकि महिला ने दुष्कर्म के प्रयास का विरोध किया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए कुलकर्णी ने आरोपी राजा साबू को महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का दोषी करार दिया, लेकिन दुष्कर्म के प्रयास के आरोप से बरी कर दिया। अदालत ने नरमी दिखाते हुए कहा कि उस समय उसकी उम्र 25 साल थी और उसके पास भविष्य की संभावनाएं हैं, इसलिए दंड का उद्देश्य सुधारात्मक होना चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अदालत के समक्ष गवाही देते समय, पीड़िता ने जो बयान दिए उनके अनुसार व्यक्ति का अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए दंड) के श्रेणी का नहीं है। आरोपों को कम करते हुए अदालत ने कहा कि सबूतों के मद्देनजर, यह अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत आपराधिक बल और महिला की शील भंग करने के लिए दंडनीय है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल निवासी साबू मुंबई उपनगर में आरटीओ रोड, अंधेरी पश्चिम में स्थित एक इमारत में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था। अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 अप्रैल, 2017 को आरोपी ने नशे की हालत में पीड़िता के कमरे में प्रवेश किया, उससे अनुचित व्यवहार किया और उसके कपड़े भी फाड़ दिए।
उसने खुद को बचाने की कोशिश की और रसोई में भाग गई, जहाँ उसने एक चाकू पकड़ा, जिसे उसने छीन लिया और उस पर वार कर दिया। जब उसका देवर उसे बचाने आया, तो उसने उस पर भी हमला किया और भाग गया। पड़ोसियों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया था।