नई दिल्ली। कर्नाटक में संपूर्ण मुसलमान समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग-ओबीसी के अंतर्गत आरक्षण देने पर राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने कहा है कि राज्य सरकार ने इस संबंध में उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
राष्ट्रीय ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने बुधवार को यहां कहा कि कर्नाटक सरकार ने ओबीसी आरक्षण का श्रेणीकरण इस तरह से किया है कि संपूर्ण मुसलमान समुदाय ओबीसी आरक्षण में आ गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से मुसलमान समुदाय को ओबीसी के अंतर्गत आरक्षण देने का आधार पूछा गया था जिसका राज्य सरकार से कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला है।
अहीर ने कहा कि कर्नाटक में ओबीसी समुदाय को 32 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण में बंटवारा किया जिसमें श्रेणी प्रथम, प्रथम बी, द्वितीय बी, तृतीय ए और तृतीय बी बनायी हैं। प्रथम श्रेणी में 95 जातियां हैं जिनमें 17 मुसलमान जाति हैं। द्वितीय बी में 103 जातियां हैं जिनमें 19 मुसलमान जातियां भी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्ण मुसलमान समुदाय को चार प्रतिशत भी दिया गया है। इस तरह से पूरा संपूर्ण मुसलमान समुदाय आरक्षण के दायरे में आ गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सरकारी सेवाओं में आरक्षण से लाभ पाने वाले लोगों के बारे में जानकारी मांगी गयी हैं जो अभी आयोग को उपलब्ध नहीं कराई गई है।