कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ डॉक्टरों ने शनिवार रात को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए दी गई समयसीमा रात 8:30 बजे समाप्त होने के बाद एक कनिष्ठ डॉक्टर ने शहर के सेंट्रल हब एस्प्लेनेड में डोरीना चैनल पर मीडिया के सामने कहा कि सबसे पहले हम छह कनिष्ठ डॉक्टरों के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे और अपने आंदोलन के बारे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी लगाएंगे। साथ ही हम अपने संबंधित अस्पतालों में मरीजों की सेवा करना जारी रखेंगे।
कनिष्ठ डॉक्टरों ने कहा कि पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के बैनर के तहत कनिष्ठ डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम को अपना पूर्ण काम बंद कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अपनी 10 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखने का भरोसा है, क्योंकि अब वे अकेले नहीं हैं और लाखों आम लोग आरजी कर अस्पताल में घटित घटना के लिए न्याय की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है और उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है, इसलिए उन्हें अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। डब्ल्यूबीजेडीएफ गत 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के लिए न्याय की मांग कर रहा है। उनकी अन्य मांगों में राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाना, सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लागू करना शामिल है।
डॉक्टरों ने सभी अस्पतालों में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर स्थापित करने, प्रत्येक अस्पताल में टास्क फोर्स बनाने और सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम जैसी आवश्यक सुविधाओं की देखरेख के लिए कनिष्ठ डॉक्टरों को चुनने की भी मांग की है। इसके अलावा उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती करने, डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तत्काल भरने की भी मांग की है।