सिरोही भाजपा नेताओं को पढने की नसीहत क्यों दे रहे हैं बड़े नेता !

आबुरोड में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़

सबगुरू न्यूज-सिरोही। भाजपा के बडे नेता क्या अब भाजपा के जनप्रतिनिधियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं की अज्ञानता से परेशान हो गए हैं। पिछले एक पखवाडे के दो नेताओं की नसीहत से तो यही लगता है। सरूपगंज में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला के द्वारा चुटकियां लेते हुए जनप्रतिनिधियों को पढने की आवश्यकता जताई गई।

इसके बाद यहां आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड ने भी यही आबूरोड में अपने सम्मान समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं को यही पाठ पढाया कि उन्हें पढने की आदत डालनी चाहिए। दरअसल, भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओ के द्वारा जनता के बीच जाकर उनके प्रति जवाबदेह होने का अहसास करवाने के लिए आवश्यक नियम कायदों के ज्ञान का अभाव सिरोही जिले के भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं में इन नेताओं को महसूस हुआ। दोनों ही घटनाओं की रूपरेखा देखी जाए तो भाजपा के बडे नेता अधिकारियों के द्वारा इनका काम नहीं करने के पीछे की मुख्य वजह यही मानते हैं।
ये बात अलग है कि जो माहौल आबूरोड रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला उससे खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रेलवे के कायदे और कानूनों के अनभिज्ञ नजर आए। अन्यथा जिस तरह से रेलवे परिसर को भाजपा पदाधिकारी बिना अनुमति के टेंट-तम्बु से लाद दिया और जिस तरह से शुल्क पर दिए जाने वाले एसी वेटिंग रूम में घुसे इस पर खुद राठौड को ही उन्हें नियमों का हवाला देते हुए टोक देना चाहिए था। लेकिन, कायदों की लंका यहां के भाजपा पदाधिकारी लगाते रहे और खुद मदन राठौड भी इसका आनन्द लेते रहे। इसकी भी लोगों में चर्चा रही। यही नहीं संगठन का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते जिस तरह से उनके साथ दर्जन भर पुलिस कर्मियों की सुरक्षा का इंतजाम किया गया इसके लिए भी लोग चर्चा करते नजर आए, क्योंकि इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी जिले के प्रवास पर आ चुके हैं। उनके साथ इस तरह का लवाजमा नहीं दिखा।
-दिया व्याकरण का ज्ञान
मनमोहिनी में अपने नेताओं को ज्ञान देते समय मदन राठौड ने व्याकरण का पाठ भी पढा दिया। भाजपा की जिलाध्यक्ष महिला हैं। भाजपा के बडे नेता खुद अध्यक्ष की जगह अध्यक्षा शब्द का उच्चारण करते रहे। इन नेताओं की अज्ञानता पर राठौड ने अपने भाषण के दौरान उनकी तरफ मुखातिब होते हुए ही टोका। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद पर महिला हो या पुरूष। पद का उच्चारण अध्यक्ष ही किया जाता है। अध्यक्षा कोई शब्द नहीं होता। उन्होंने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पदों को हवाला दिया।

लेकिन, इसके पीछे की वास्तविक व्याकरण की जानकारी नही दी जो हम बता देते हैं। दरअसल, अध्यक्ष संज्ञा है और ये लिंग तटस्थ पदनाम है। यानि इसके उपयोग में लिंग के महत्व को ध्यान में नहीं रखा जाता। अंग्रेजी में इसके लिए चेयरमैन शब्द का उपयोग होता था। लेकिन, महिलाओं के मामले में ये उपयुक्त नहीं बैठता था इसलिए वहां पर एक कॉमन शब्द चेयरपर्सन का उपयोग किया जाने लगा। ये स्त्री और पुरूष दोनों के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। इसी तरह हिन्दी में स्त्री और पुरूष के लिए सिर्फ अध्यक्ष शब्द का उपयोग किया जाता है।

आबुरोड रेलवे स्टेशन के विआइपी रूम में मदन राठौड़ और बहरा तैनात पुलिस अधिकारी और कार्मिक

– अधिकारी बस झंडा बदलते हैं
कार्यकर्ताओं से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की अपेक्षाएं बहुत बडी हैं। लेकिन, प्रशासनिक लिहाज से कार्यकर्ताओं की सुनवाई की उपेक्षा किए जाने के दर्द को कांग्रेस की तरह ये भी अस्वीकार करते रहे। सभा में वो कार्यकर्ताओं को कहते रहे कि वो जनता के बीच जाकर पार्टी का काम निष्पक्ष होकर करें। उन्होंने ये भी दावा किया कि पार्टी इस बार सिर्फ कार्यकर्ताओं की सुनेगी। जो जनता के बीच जाकर काम कर रहा है उसको ही आगे बढाएगी।

इसके विपरीत उनके साथ ही मंच और गाडियों में ऐसे नेता घूम रहे थे, जिन पर स्थानीय कार्यकर्ता थोपे जाने का आरोप लगा रहे थे। अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं किए जाने के मामले में उनका कहना था कि अधिकारियों का सिर्फ डंडा होता है। सत्ता के हिसाब से वो इसमें भाजपा और कांग्रेस का झंडा बदलते रहते हैं। ये अधिकारी हमारे कार्यकर्ताओं की सुनेंगे।