जयपुर। राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी एवं सांसद तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर महिला उत्पीड़न के मामलों में गिद्ध राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह प्रदेश की महिलाओं को सम्मान का पात्र नहीं समझती।
राठौड़ ने बुधवार को यहां प्रेसवार्ता के दौरान यह आरोप लगाते हुए झुंझुनूं दौरे पर आई प्रियंका गांधी से जनता की ओर से कई सवाल किए। उन्होंने दुष्कर्म, महिला उत्पीड़न, किसान आत्महत्या, दलित उत्पीड़न, किसानों की जमीन नीलामी, पेपर लीक, भ्रष्टाचार, बेराजगारी और प्रदेश में व्याप्त कांग्रेस की लूट को लेकर प्रियंका- राहुल पर इन सवालों के जरिये हमला बोला।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का संचालन करने वाले मुख्य परिवार की हस्ती प्रियंका वाड्रा आज राजनीतिक पर्यटन डिविजन पर राजस्थान के झुंझुनूं आई हैं। महिला सुरक्षा के अंदर ये लोग गिद्ध राजनीति करते हैं, राजस्थान के बाहर जब कोई महिला अपराध होता है तब ये लोग जमकर मीडिया में बयान बाजी करते हैं लेकिन जैसे ही राजस्थान का बॉर्डर आता है इनकी जबान पर ताला लग जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 35 हजार से ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुई लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने यहां की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बयान तक दिया। क्या राजस्थान की महिलाएं प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के लिए सम्मान की पात्र नहीं है। इन लोगों की कथनी और करनी में मोटा फर्क सामने आता है।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां महिला सुरक्षा संरक्षण और उत्थान की दिशा में काम कर रहे हैं वहीं प्रियंका वाड्रा का लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा राजस्थान में आकर सिमट कर रह जाता है। प्रदेश में करीब दो लाख महिला उत्पीड़न की रजिस्टर्ड घटनाएं दर्ज होने के बावजूद प्रियंका वाड्रा राजस्थान क्यों नहीं आई। प्रदेश में 7700 निर्दोष नागरिकों की हत्या होती है लेकिन कांग्रेस की तरफ से किसी नेता ने संवदेना तक प्रकट क्यों नहीं की।
राहुल गांधी पिछले चुनावों में दस दिन में कर्जमाफी का वादा करके गायब हो गए और अब 1700 दिन बीत जाने पर प्रदेश की जनता उनसे सवाल पूछती है कि कर्जमाफी क्यों नहीं हुई। कर्ज से तंग आकर प्रदेश में करीब 350 किसानों ने आत्महत्या कर ली लेकिन कांग्रेस सरकार मृतकों को किसान मानने से ही मना कर रही है। सरकार ने कहा कि खेत में काम करने वाला व्यक्ति किसान नहीं है जब तक उसके नाम से जमीन नहीं है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या मजदूर के प्रति उसकी संवदेनाएं नहीं है।
राठौड़ ने प्रदेश में जेहादी मानसिकता के लोगों द्वारा कन्हैयालाल तेली, हरीश जाटव, आदर्ष तापड़िया, योगेन्द्र मेघवाल, रतनलाल सोनी, कृष्णा वाल्मिकी और चिरंजीलाल सैनी सहित कई निर्दोष नागरिकों की हत्या की अनेक घटनाएं सामने आती हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से इन लोगों के प्रति कोई संवेदना और पीड़ा प्रकट क्यों नहीं की गई। कर्जमाफी से झूज रहे प्रदेश के 19,422 किसानों की जमीनें नीलाम हो जाती हैं लेकिन प्रियंका वाड्रा की नजर इस तरह की खबरों पर क्यों नहीं जाती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को किसानों और महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश के उन 70 लाख युवाओं का क्या दोष था जिनका कैरियर पेपर लीक की भेंट चढ़ गया। राठौड़ ने कहा कि पूरे पांच साल कांग्रेस सरकार के विधायक और मंत्री अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार और असुरक्षा के आरोप लगाते रहे और सवाल पूछते रहे लेकिन प्रियंका वाड्रा ने एक बार भी अपनी सरकार से इस बारे में नहीं पूछा।