बदायूं। उत्तरप्रदेश के जनपद बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय फांसी मामले में एक नया मोड़ उनके पिता द्वारा हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के बाद आ गया है।
जूनियर डिविजन की सिविल जज का शव शनिवार को फांसी के फंदे से लटका मिलने पर मामला आत्महत्या का करार दिया जा रहा था लेकिन देर रात बदायूं पहुंचे महिला जज के पिता ने अपनी बेटी की हत्या किए जाने का मामला दर्ज करा दिया है।
महिला जज के पिता अशोक कुमार राय ने कहा कि मेरी बिटिया ज्योत्सना बहुत बहादुर थी। वह कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकती। वह दूसरों को न्याय देती थी। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में सिविल जज जूनियर डिविजन ज्योत्सना राय की आत्महत्या के मामले में पिता अशोक कुमार राय द्वारा अज्ञात के खिलाफ शक जाहिर कर हत्या कर शव लटका देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को जनपद न्यायालय में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर कार्यरत ज्योत्सना राय का शव उनके बेडरूम में पंखे से लटका होने के बाद, सूचना पर देर रात उनके परिजन बदायूं पहुंचे। महिला जज के पिता अशोक कुमार राय द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सदर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या की धारा आईपीसी 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया है कि तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा महिला जज का पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम करने वाली तीन महिला डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि यह स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या करने (एंटी मॉडम हैंगिंग) का मामला है।
मृतका महिला जज के परिजनों द्वारा पुलिस पर लापरवाही और गहनता से जांच न करने के आरोप पर एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। पुलिस ने पूरी ततपरता और सावधानी से जांच की है, परिजन परेशान है इसलिए ऐसा कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। बाकी सभी तथ्यों, दस्तावेज़ों फोरेंसिक रिपोर्ट व काल डिटेल की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।