राजस्थान में वर्ष 2024 रहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम

जयपुर। राजस्थान में राजनीति एवं सियासी फिजा में बड़ा बदलाव आया और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बड़े राजनेता के रुप में उभरकर सामने आए और वर्ष 2024 उनके नाम रहा वहीं यह साल वर्षों से राजनीति में अपना दबादबा रखने वाले शीशराम ओला, हनुमान बेनीवाल, जुबैर खान एवं डा किरोड़ी लाल मीणा परिवार को सियासी जख्म भी दे गया।

शर्मा वर्ष 2024 के शुरु होने से करीब एक महीने पहले ही पहली बार विधायक चुने गए और उन्हें पहली बार में ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला, तब यह लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी में दो बार की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे तथा अन्य कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बावजूद शर्मा को मुख्यमंत्री के रुप में चुना जाना यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला हैं, लेकिन भजनलाल ने मुख्यमंत्री के रुप में जमने में ज्यादा समय नहीं लिया और उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले एवं अपनी राजनीतिक सूझबूझ से कई नए कीर्तिमान स्थापित करके वर्ष 2024 अपने नाम लिखा लिया।

उन्होंने वर्ष 2024 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी), यमुना जल समझौता, प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए गत नौ से ग्यारह दिसंबर तक राजधानी जयपुर में 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू के साथ ऐतिहासिक राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन करके अपने आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ दिया।

इसके बाद साल के आखिरी में 28 दिसंबर को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए नए जिलों में नौ जिलों तथा तीन संभागों को समाप्त करने का निर्णय भी ले लिया। उनके नेतृत्व में आज राजस्थान देश में सौर ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा क्षमता में पहले स्थान पर हैं। इसी तरह उनके प्रयासों से प्रदेश अन्य कई क्षेत्रों में नंबर वन बन गया है।

भजनलाल की राजनीतिक सूझबूझ और उनकी लोगों के प्रति काम करने की इच्छा शक्ति के आगे वर्ष भर में कोई सत्ता विरोधी लहर नजर नहीं आई तथा न ही भाजपा में कोई उनका विरोध सामने आया और न ही विपक्ष दल कोई मुद्दा बनाकर आंदोलन खड़ा कर पाए। इस प्रकार वर्ष 2024 में भजनलाल एक बड़े राजनेता के रुप में उभरकर सामने आए और राजस्थान में सियासी के नए जादूगर बन गए।

इसी का तकाजा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दिसंबर महीने में दो बार राजस्थान आए और पहले राइजिंग राजस्थान और बाद में भजनलाल सरकार के एक साल के कार्यक्रम में शरीक हुए और शर्मा की खूब तारीफ की। इससे भजनलाल की प्रतिष्ठा के और चार चांद लग गए। इससे विपक्ष कांग्रेस के भजनलाल सरकार को पर्ची सरकार बताने का आरोप भी बेकार साबित हो गया।

हालांकि शर्मा को वर्ष 2024 के शुरु में जनवरी में हुए श्रीगंगानगर विधानसभा के शेष रहे चुनाव में अपने मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी के चुनाव हार जाने से सियासी मात खानी पड़ी और उसके बाद शीघ्र ही हुए लोकसभा चुनाव में भी वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाए।

भाजपा की जहां सभी सीटों पर कायम वर्चस्व में भी थोड़ी कमी आई और सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी थी कि प्रदेश में होने वाले सात विधानसभा उपचुनाव में अब भाजपा नजर नहीं आएगी लेकिन जिस तरह भजनलाल शर्मा ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ से उपुचनाव में भाजपा के करीब आधा दर्जन बागियों को मना लिया और भाजपा को गत 13 नवंबर को हुए उपचुनाव में सात में से पांच सीटों पर जीत दिलाई वहीं प्रदेश में वर्षों से राजनीतिक दबदबा रखने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला परिवार में सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला के पुत्र अमित ओला गत विधानसभा उपचुनाव हार गए।

इसी तरह लंबे समय से नागौर जिले की खींवसर विधानसभा क्षेत्र में अपना राजनीतिक दबदबा रखने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल और अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व विधायक जुबैर खान के पुत्र आर्यन जुबैर खान गत विधानसभा उपचुनाव हार जाने से इन परिवारों का इन क्षेत्रों में राजनीतिक वर्चस्व समाप्त हो गया।

इससे यह साल इन परिवारों को सियासी जख्म दे गया जबकि भजनलाल एक बड़े नेता के रुप में उभरकर सामने आए और वह राजनीति के नए जादूगर कहलाने लगे। हालांकि दौसा में कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा उपचुनाव हार गए और उन्हें भी यह साल सियासी जख्म दे गया।

शर्मा हाल में जयपुर में हुए भयंकर गैस टैंकर हादसे के समय भी संवेदनशीलता दिखाते हुए सबसे पहले घायलों की कुशलक्षेम पूछने अस्पताल पहुंचे और इसके बाद वह घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। उन्होंने प्रदेश के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए हाल में विधायकों के साथ बैठक भी शुरु की है जिसमें वह प्रत्येक विधायक से उनके विधानसभा क्षेत्र से संबंधित बजट घोषणाओं के कामों की प्रगित की जानकारी ले रहे हैं। शर्मा को उनकी टीम में उपमुख्यमत्री दिया कुमारी एवं डा प्रेम चंद बैरवा सहित अन्य मंत्रियों का भी अच्छा साथ मिल रहा है।