कोटा। राजस्थान में कोटा की एक अदालत ने पीड़िता के पक्षद्रोही हो जाने के बावजूद उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपी युवक को 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से गुरुवार को दंडित किया।
पोक्सो कोर्ट क्रम-4 में प्रस्तुत मामले के अनुसार वर्ष 2019 में 1 अक्टूबर को 17 वर्षीय छात्रा की मां की ओर से कोटा जिले के कैथून थाना क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज करवाएगी कि उनकी पुत्री घर से लापता है। उन्होंने उसे भगा ले जाने का संदेह व्यक्त करते हुए एक युवक विकास उर्फ बबलू (25) के लिप्त होने का आरोप लगाया।
पुलिस ने बाद में मामले की जांच कर किशोरी को बरामद कर दिया और जांच में यह सामने आया कि उसे निकाल उसे विकास उर्फ बबलू बहला-फुसलाकर पहले इंदौर (मध्य प्रदेश) ले गया और वहां से बाद में टोंक ले आया जहां उसके साथ उसने करीब डेढ़ माह तक दुष्कर्म किया। इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।
मामले की सुनवाई के दौरान नाबालिग और इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाने वाली उसकी मां पक्षद्रोही हो गई और अपने आरोप से मुकर गए लेकिन न्यायालय में प्रस्तुत एफएसएल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर युवक विकास को दोषी मानते हुए उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी देने के आदेश के दिए।